उत्तराखंड में डेमोग्राफिक चेंज को लेकर धामी सरकार अब पूरी तरह सख्त दिखाई दे रही है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की ओर से की गई छापेमारी के बाद प्रदेशभर के प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।गौरतलब है कि दो दिन पहले कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बनभूलपुरा स्थित एक CSC सेंटर में अचानक छापा ( IAS Deepak Rawat Raid) मारा, जहां फैजान मकरानी नाम के युवक को फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। इस पूरे खेल में तहसील कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है।आरोप है कि कई शिकायतों में हिंदू लोगों के दस्तावेजों में हेरफेर कर उन्हें विशेष समुदाय की पहचान में बदला जा रहा था। यहां स्थाई निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज फर्जी तरीके से बनाए जा रहे थे। छापेमारी के बाद कमिश्नर ने निर्देश दिए कि जिले में सभी संवेदनशील स्थानों पर सघन चेकिंग की जाए और फर्जी दस्तावेज का नेटवर्क चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि बनभूलपुरा की घटना सामने आते ही गृह सचिव को आदेश दिए गए हैं कि सभी जिलाधिकारियों और एसपी को निर्देश जारी किए जाएं। प्रदेश के हर जिले में ऐसे मामलों की जांच की जाएगी।सीएम ने कहा कि कुछ स्थानों पर गैरकानूनी रूप से लोगों को बसाने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, जिन पर अब तेजी से कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने साफ कहा कि देवभूमि में हुए डेमोग्राफिक चेंज की जांच की जाएगी और पहले से हुए बदलावों को भी ठीक किया जाएगा।

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