मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान बिरसा मुण्डा की 150 वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए सभी को जनजाति गौरव दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का यह ऐतिहासिक दिन हमारे जनजाति समाज की गौरवशाली परम्परा, संघर्ष, बलिदान और राष्ट्र निर्माण के लिए उनके द्वारा दिए गए अद्वितीय योगदान को स्मरण करने का दिवस है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा जी जनजाति समाज के गौरव, साहस और स्वाभिमान के अमर प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा ने अल्प आयु में स्वतंत्रता, स्वाधिकार, आत्मसम्मान की ऐसी चेतना समाज में जागृत की जिसने पूरे जनजाति समाज को एकजुट कर नई दिशा प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने कहा की आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भगवान बिरसा मुण्डा जी की जन्म जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। उन्होंने लगभग 200 करोड़ की लागत से देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्राहलय बनवायें है, जिससे देश भर में आदिवासी संस्कृति और योगदान को सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि आज संथाल आदिवासी जनजाति की बेटी द्रोपदी मुर्मू जी हमारे देश की प्रथम नागरिक है।
आदरणीय मोदी जी ने आदिवासी जनजाति समाज के विकास के लिए दिए जाने वाले बजट को भी तीन गुना बढ़ाकर आदिवासी समाज को सशक्त बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को एकलव्य मॉडल स्कूल, प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान, वन-धन योजना, प्रधानमंत्री जनजाति विकास मिशन, विभिन्न पशुपालन व कृषि संबंधित योजनाओं के माध्यम से समाज व विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का कार्य देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार भी आदिवासी जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए व उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड में 128 जनजाति गाँवों का चयन किया गया है। जिसके माध्यम से चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में 4 आवासीय एकलव्य विद्यालय, कालसी मेहरवाना बाजपुर व खटीमा में संचालित हो रहे है। जिससे जनजाति समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है। देहरादून के चकराता में और उधम सिंह नगर के बाजपुर में नये आवासीय विद्यालयों का निर्माण तेजी से चल रहा है। जनजाति समाज के बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए उन्हें प्राइमरी स्तर से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक की छात्रवृत्ति भी प्रदान कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शैक्षिक उत्थान एवं विकास के लिए वर्तमान में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही जनजाति समाज के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रदेश में 3 आईटीआई कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग व स्कॉलरशिप दी जा रही है। जनजाति समाज के बेटियों के विवाह के लिए 50 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है। जनजाति शोध संस्थान के लिए 1 करोड़ का कोरप्रेस फंड भी बनाया गया है। जनजाति संस्कृति के संरक्षण हेतु प्रतिवर्ष राज्य जनजाति महोत्सव और खेल महोत्सव आयोजित किये जा रहे है।
इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह राणा, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेम सिंह टूरना, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा उपस्थित थे।