नगर पालिका परिषद के शहर में बने शौचालयों को संचालित करने वाली दो संस्थाओं के बीच लगातार विवाद बढता जा रहा है। वहीं शौचालयों को संचालित करने वाली स्वच्छ लकी फांउडेशन के संचालक बुद्धि नारायण मिश्रा ने कहा कि उनकी संस्था ने पालिका से एक वर्ष पूर्व टेंडर से शौचालयों की स्वच्छता का कार्य शुरू किया, लेकिन नगर पालिका अधिशासी अधिकारी तनवीर सिंह मारवाह ने दूसरी संस्था मनसा फेसिलिटी से सांट गांठ कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है व शौचालयों में कार्य नहीं करने दे रहे व उसके बाद भी लगातार परेशान किया जा रहा है जिसकी शिकायत ईओ को की लेकिन ईओ ने समस्या का समाधान करने के बजाय आपस में लड़ने की बात कही व कहा कि अगली बोर्ड बैठक में उनकी संस्था को हटा देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शौचालयों पर लगने वाले बीस लाख के विज्ञापनों का घपला है जो विज्ञापन चार साल से विज्ञापन ले रही है लेकिन हमारी संस्था को एग्रीमेंट होने के बाद भी विज्ञापन नहीं लगाने दे रहे। संस्था को जो शौचालय दिए वह दस किमी दूर हैं, एग्रीमेंट में लिखा है कि जो विज्ञापन लगेंगे उसका सर्किल रेट नगर पालिका में जमा करेंगे, लेकिन ईओ किसी के दबाव में कार्य कर रहे हैं। जिसके प्रमाण हमारे पास है। इस संबंध में पालिका ईओ तनवीर सिंह मारवाह ने कहा कि उनको कुछ शौचालय दिए गये है़। जिसकी धनराशि छह लाख तय की गयी थी लेकिन उन्होंने एक साल में केवल एक लाख चालीस हजार ही दिए। वहीं इनको दिए गये शौचालयों की उचित देखरेख न करने की लगातार शिकायतें जनता के माध्यम से आ रही है वहीं सभादों ने भी शिकायतें की हैं। मई की बोर्ड बैठक में तय किया गया कि एक संस्था को शौचालय न दिए जायें दोनों को दिए जाये व इसे राजस्व एकत्र करने का माध्यम न बनाया जाय। जिसमें दोनों संस्थाओं के बीच विवाद हुआ कि किसको कौन सा शौचालय दिया गया। उनको झील का शौचालय दिया गया। स्वास्थ्य के ईओ ने उन्हे पिक्चर पैलेस का शौचालय भी दिया गया। उन्होने मिश्रा के घपले के आरोंपों का खंडन किया व कहा कि मिश्रा के पास ही एक साल से शौचालय थे व उन्होने विज्ञापन लगाये तो उन्ही के द्वारा पैसा जमा नहीं कराया गया, जो पालिका के पास जमा होना था। जबकि दूसरी संस्था को अभी केवल एक माह ही हुआ है।

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