उत्तराखंड के वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। आगामी 15 नवंबर से राजाजी टाइगर रिज़र्व में जंगल सफारी का आगाज होने जा रहा है। वन विभाग ने सफारी सीजन को लेकर तैयारियां तेज़ कर दी हैं और ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। हर साल सर्दियों में खुलने वाले इस रिज़र्व में देश-विदेश से पर्यटक जंगल के रोमांच, वन्यजीवों की झलक और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने पहुंचते हैं।राजाजी टाइगर रिज़र्व में इस बार भी मुख्य रूप से मोटिचूरचित्तराज और आसारोरी गेट से सफारी संचालित की जाएगी। ये गेट देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से सुलभ हैं और पर्यटकों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। प्रत्येक गेट पर प्रवेश के लिए निर्धारित प्रातः और सायं सत्र होंगे, जिसमें सीमित वाहनों को अनुमति दी जाएगी।पर्यटक उत्तराखंड वन विभाग की वेबसाइट या राजाजी टाइगर रिज़र्व के आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से सफारी के लिए अपना स्लॉट बुक कर सकते हैं। ऑनलाइन बुकिंग के ज़रिए पारदर्शिता बढ़ी है और भीड़-भाड़ से भी बचाव होता है।

राजाजी टाइगर रिज़र्व अपने बाघों (टाइगर्स) के अलावा हाथियों, तेंदुओं, हिरणों, भालुओं, और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा घने साल के जंगल, घास के मैदान और शिवालिक पर्वत श्रृंखलाएं इस सफारी को और भी अद्भुत बनाती हैं। वन विभाग ने पर्यटकों से जंगल के नियमों का पालन करने की अपील की है। सफारी के दौरान शांति बनाए रखने, कूड़ा न फेंकने और वन्यजीवों से उचित दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही गाइड की अनुमति के बिना किसी भी क्षेत्र में उतरना सख्त मना है।
राजाजी टाइगर रिज़र्व, 820 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा संरक्षित वन क्षेत्र है। इसे 2015 में टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिला था। यह क्षेत्र तीन जिलों – देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी – में फैला है और इसकी जैव विविधता भारत के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक मानी जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *