उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजतोत्सव के अवसर पर पर्वतीय मैदानी एकता मंच प्रदेशभर में राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करने और पहाड़ी मैदानी एकता का संकल्प लेने का समारोह आयोजित कर रहा है। इसी शृंखला में मसूरी स्थित शहीद स्थल पर सम्मान समारोह आयोजित कर मसूरी के राज्य आंदोलनकारियों को शॉल व माला भेंट कर सम्मानित किया गया।
शहीद स्थल पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ पर्वतीय मैदानी एकता मंच की महासचिव लक्ष्मी अग्रवाल व राज्य आंदोलन कारियों ने शहीदों की प्रतिमाओं व चित्रों पर पुष्प् अर्पित कर श्रद्धांजलि दी उसके बाद सशक्त और सामाजिक एकता की मिसाल बने उत्तराखंड को पर्वतीय मैदानी भाईचारे के साथ मिलकर सर्वात्तम उत्तराखंड बनाने का संकल्प दोहराया गया। इस मौके पर जुटे आंदोलनकारियों ने एक सुर में कहा कि प्रदेश का निर्माण हमारे शहीदों ने अपनी जान देकर किया था और उनके सपनों का उत्तराखंड बनाना आज भी हमारी जिम्मेदारी है। क्योंकि उनके सपने आज भी अधूरे है जिसको सभी लोग मिलकर पूरा करेंगे। सम्मान समारोह में पर्वतीय मैदानी एकता मंच की महासचिव और ट्री वीमेन के नाम से मशहूर लक्ष्मी अग्रवाल ने दूर दूर से आये आंदोलनकारियों से आह्वान किया कि वो उत्तराखंड के शिल्पकार हैं इसलिए उनके अनुभव , विचार और सुझाव प्रदेश हित में हमेशा बहुमूल्य रहे है। उन्होंने कहा कि आज जो लोग प्रदेश को पर्वतीय और मैदानी के बीच बाँट कर प्रदेश की एकता और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की नाकाम कोशिशे कर रहे हैं उससे सावधान रहने और बचने की जरुरत है। लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि  उत्तराखंड आंदोलन के दौरान बहुत बार ऐसे मौके आए, जब देश ने देखा था कि जन आंदोलन और जन एकता से बढ़कर कोई ताकत नहीं होती है और वही इतिहास बनाते हैं। मसूरी में आयोजित समारोह में मंच की तरफ से लक्ष्मी अग्रवाल ने लोगों से अपील की कि आइये एक बार फिर हम एक होकर पहाड़ी मैदानी एकता की शक्ति से इस खूबसूरत देवभूमि को सर्वात्तम राज्य बनाने में अपना योगदान दें। इस मौके पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष देवी गोदियाल ने कहा कि पर्वतीय मैदानी एकता मंच ने मसूरी के राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि इन 25 वर्षों में राज्य निर्माण के लिए जिन्होने शहादतें दी उसकी मूल धारणा से सरकार भटक गयी है, जल, जंगल जमीन पर बाहर के लोगों का अधिकार हो रहा है, रोजगार के नाम पर पलायन बढ रहा है, यह दुर्भाग्य पूर्ण है इसके लिए कांग्रेस व भाजपा की सरकारें दोषी हैं, उसका नीति निर्धारण यहां के लोगों की भावना पर नहीं किया गया। इस मौके पर मंच की उपाध्यक्ष अनीता तिवाड़ी ने कहा कि हमारी मातृशक्ति का राज्य निर्माण में अहम योगदान रहा है, इसका उल्लेख देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने विधानसभा के विशेष सत्र में किया। मंच के अध्यक्ष अधिवक्ता पीके अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं और नौजवानों के संघर्ष अनगिनत शहीदों के बलिदान से इस राज्य की नींव पड़ी थी। उन्होंने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी है कि उत्तराख्ांड को सशक्त व समृद्ध बनाये। नकारात्मक सोच से बाहर आकर प्रदेश के निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी, जय प्रकाश उत्तराखंडी, देवी गोदियाल, पूरण जुयाल, नरेंद्र पडियार, अनिल गोदियाल, कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता, भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, जबर सिंह बर्त्वाल, अनिल गोयल, सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी व उनके परिजन मौजूद रहे।

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