शहर के ऐतिहासिक मॉल रोड पर अब अव्यवस्थित स्ट्रीट वेंडिंग का दौर खत्म होने वाला है. शनिवार को नगर पालिका परिषद, मसूरी में टाउन वेंडिंग समिति की पहली बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें शहर में फेरी व्यवसाय (स्ट्रीट वेंडिंग) को कानूनी दायरे में लाने और वेंडरों को सम्मानजनक आजीविका देने की दिशा में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए.
बता दें कि स्ट्रीट वेंडर (आजीविका सुरक्षा एवं फेरी व्यवसाय का विनियमन) अधिनियम 2014 और उत्तराखंड की नियमावली 2016 के अंतर्गत प्रत्येक नगर निकाय में टाउन वेंडिंग समिति का गठन आवश्यक है. यह समिति स्ट्रीट वेंडरों की पहचान, पंजीकरण, स्थान निर्धारण, शिकायत निवारण और कल्याणकारी योजनाओं के संचालन का कार्य करती है. बैठक में मसूरी में टाउन वेंडिंग समिति का औपचारिक गठन कर दिया गया है. मॉल रोड और अन्य क्षेत्रों में फेरी व्यवसाय करने वालों का सर्वेक्षण किया जाएगा.
वेंडिंग जोन के रूप में गढ़वाल टैरेस के पास आई लव मसूरी के सामने वाले तक का क्षेत्र वेंडिंग जोन के लिए चिह्नित किया गया है. पहले चरण में 40 से 50 अस्थायी दुकानें (फैब्रिकेटेड) बनाई जाएंगी, जहां पात्र वेंडरों को व्यवस्थित किया जाएगा. वहीं थर्ड पार्टी एजेंसी, तहसील, पुलिस और पालिका की संयुक्त निगरानी में विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाएगा. एसडीएम मसूरी कुमकुम जोशी ने कहा कि यह समिति स्ट्रीट वेंडरों को वैध व्यवसाय के साथ सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम है. नगर पालिका, पुलिस और अन्य विभाग मिलकर इस व्यवस्था को कारगर बनाएंगे.
ने बताया कि वर्तमान में मॉल रोड पर 200 से 250 वेंडर अनियोजित रूप से बैठे हुए हैं. इन्हें हटाकर नियत स्थानों पर बैठने की अनुमति दी जाएगी. वेंडिंग जोन न बनने तक किसी भी अन्य स्थान पर वेंडिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि दुकानों के निर्माण को लेकर पालिका प्रशासन द्वारा टेंडर की कार्रवाई शुरू कर दी है और अगले एक माह के भीतर पहले चरण में 40 से 50 पटरी व्यापारियों को दुकानें दी जायेगी.