उत्तराखंड के ऋषिकेश में देश का पहला केबल ग्लास ब्रिज बनकर तैयार हो रहा है। ये करीब 90% तक बनकर तैयार हो गया है। ये पुल मॉडर्न और धार्मिक महत्व का एक सुंदर मेल है। ये भारत का पहला ऐसा पुल होगा जिसमें केबल के साथ कांच का रास्ता है। इस ग्लास ब्रिज का नाम  है। चलिए इस आर्टिकल में इस ब्रिज के बारे में विस्तार से जानते है। साथ ही जानते है कि ये कबतक बनकर तैयार हो जाएगा।
भारत का पहला केबल ग्लास ब्रिज बज्रंग सेतु  गंगा नदी पर बन रहा है। ये ऋषिकेश के पुराने लक्ष्मण झूले की जगह लेगा। बताते चलें कि लक्ष्मण झूले को साल 2019 में सुरक्षा कारणों के चलते बंद कर दिया गया था।

इस केबल ग्लास ब्रिज की लंबाई 132 से 133 मीटर है। तो वहीं चौड़ाई 8 मीटर है। पैदल चलने के लिए दोनों तरफ 1.5 मीटर चौड़े साफ कांच के रास्ते हैं। कांच की मोटाई 65-66 मिलीमीटर है जो इसे काफी सुरक्षित और मजबूत बनाती है।

केबल मजबूत स्टील के बने हैं। इसका प्रवेश द्वार को केदारनाथ मंदिर से प्ररित होकर बनाया गया है। पुल के निर्माण में करीब 70 करोड़ रूपए का खर्च आया है। उत्तराखंड सरकार और पर्यटन विभाग ने मिलकर ये प्रोजेक्ट बनाया है।
वैसे तो पुल केवल पैदल चलने वाले लोगों के लिए है। हालांकि बीच में पांच मीटर चौड़ा स्टील का डेक भी है। जिससे दो पहिए वाहन आसानी से इसे पार कर लें। हालांकि दो पहिए वाले वाहनों के लिए सीमित अनुमति होगी। जिससे पैदल जाने वाले यात्रियों को दिक्कत ना हो।
ऊपर से गंगा नदी का खूबसूरत नजारा यात्रियों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं होगा। सुरक्षा के लिए मॉडर्न सेंसर लगाए गए हैं। ये हवा और भूकंप के लिए लगाए गए है।

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