उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री के कपाट आज दोपहर पूरे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। अब शीतकाल में मां गंगा के दर्शन मुखवा में किए जा सकेंगे शीतकाल के आते ही अब धीरे-धीरे उत्तराखंड के सभी धामों के कपाट बंद हो रहे हैं। आज यानी कि बुधवार को उत्तरकाशी में भी विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट पूरे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब मां गंगा की डोली अपने शीतकालीन पड़ाव मुखबा के लिए रवाना हो चुकी है।आज सुबह पूरे रीति-रिवाज और विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद किए गए। कपाट बंद करने के दौरान मां गंगा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में वहां पर श्रद्धालु मौजूद रहे। गंगोत्री धाम के कपाट 11.30 बजे गंगोत्री पर विधि विधान के साथ बंद किए गए। गंगोत्री धाम के कपाट के बंद होने से पहले गंगोत्री मंदिर और गंगा घाट पर पुजारियों द्वारा पूजा अर्चना की गई।अन्नकूट पर्व के शुभ मुहूर्त पर गंगोत्री धाम में उदय बेला पर मां गंगा का मुकुट उतारा गया। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए और अमृतवेला अभिजीत मुहूर्त पर गंगोत्री के कपाट को बंद कर दिया गया। कपाट बंद होने के दौरान तीर्थ पुरोहितों ने गंगा लहरी का पाठ किया और विशेष पूजा कर मां गंगा को डोली में बिठाकर उनके शीतकालीन पड़ाव मुखमा के लिए ले रवाना किया। मां गंगा के दर्शन के लिए वहां भारी मात्रा में श्रद्धालु मौजूद थे और कपाट बंद करने और मां गंगा को डोली में बैठाते वक्त धाम का पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। गंगोत्री के कपाट बंद होने के बाद अब श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन शीतकालीन प्रवास मुखवा में कर सकेंगे।बता दें कि कल 23 अक्तूबर को यमुनोत्री में मां यमुना मंदिर के कपाट 12.30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति के दर्शन खरसाली गांव में होंगे। केदारनाथ धाम के कपाट भी कल 23 अक्तूबर को ही शीतकाल के लिए बंद होंगे, इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।